जिस साल मेरे घर,
तुम आई
उस साल ही
मुझे दूसरे घर पड़ा जाना
इस वर्ष अब तुम्हे भी
एक घर और है जाना
बेटी! मानो एक साँस
लिया है, तो छोड़ना पड़ेगा ही.
साँस के आने जाने का
अहसास भी नहीं होता
पर बिटिया का मतलब
एक गहरा विश्वास
जिस परिवार में जन्मी
वहां गुण, दोषों को
सर आँखों पर रखा
अब जा रही छोड़ बचपना
वहाँ सयानी बन कर रहना "रानी"
होठों पर मुस्कान की काली खिलाना
धैर्य के गहनों से लदी रहना,
ज़िन्दगी का सफ़र मस्ती में बिताना
उस घर में सभी के दिलों पर करना राज
जिसे देख हमें होगा नाज़
बड़ी सुंदर रचना है......रंग पर्व की मंगलकामनाएं
ReplyDeleteभारतीय ब्लॉग लेखक मंच
ReplyDeleteकी तरफ से आप, आपके परिवार तथा इष्टमित्रो को होली की हार्दिक शुभकामना. यह मंच आपका स्वागत करता है, आप अवश्य पधारें, यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो "फालोवर" बनकर हमारा उत्साहवर्धन अवश्य करें. साथ ही अपने अमूल्य सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ, ताकि इस मंच को हम नयी दिशा दे सकें. धन्यवाद . आपकी प्रतीक्षा में ....
भारतीय ब्लॉग लेखक मंच
बहुत ही अच्छी रचना है।
ReplyDeleteइस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति...
ReplyDeleteबहुत अच्छी पोस्ट, शुभकामना, मैं सभी धर्मो को सम्मान देता हूँ, जिस तरह मुसलमान अपने धर्म के प्रति समर्पित है, उसी तरह हिन्दू भी समर्पित है. यदि समाज में प्रेम,आपसी सौहार्द और समरसता लानी है तो सभी के भावनाओ का सम्मान करना होगा.
ReplyDeleteयहाँ भी आये. और अपने विचार अवश्य व्यक्त करें ताकि धार्मिक विवादों पर अंकुश लगाया जा सके., हो सके तो फालोवर बनकर हमारा हौसला भी बढ़ाएं.
मुस्लिम ब्लोगर यह बताएं क्या यह पोस्ट हिन्दुओ के भावनाओ पर कुठाराघात नहीं करती.
"होठों पर मुस्कान की कली खिलाना
ReplyDeleteधैर्य के गहनों से लदी रहना,
ज़िन्दगी का सफ़र मस्ती में बिताना
उस घर में सभी के दिलों पर करना राज
जिसे देख हमें होगा नाज़"
माँ की सही सीख - सच्चा सन्देश
जी जीवन की असल सच्चाई है। बहुत अच्छी भावपूर्ण रचना है।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना , बहुत खूबसूरत भावाभिव्यक्ति
ReplyDeleteBandnaji
ReplyDeleteमेरी १०० वीं पोस्ट , पर आप सादर आमंत्रित हैं
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ब्लॉग पर यह मेरी १००वीं प्रविष्टि है / अच्छा या बुरा , पहला शतक ! आपकी टिप्पणियों ने मेरा लगातार मार्गदर्शन तथा उत्साहवर्धन किया है /अपनी अब तक की " काव्य यात्रा " पर आपसे बेबाक प्रतिक्रिया की अपेक्षा करता हूँ / यदि मेरे प्रयास में कोई त्रुटियाँ हैं,तो उनसे भी अवश्य अवगत कराएं , आपका हर फैसला शिरोधार्य होगा . साभार - एस . एन . शुक्ल