अनगिनत फूलो के बीच
वह एक श्वेत फूल
उग आया था भूल से
किन्तु बड़ा अनोखा
बाकी सारे फूल
सूरज की ऊष्मा में खिलते
शाम में बंद हो उदासी बिखेरते
वह एक श्वेत फूल
उग आया था भूल से
किन्तु बड़ा अनोखा
बाकी सारे फूल
सूरज की ऊष्मा में खिलते
शाम में बंद हो उदासी बिखेरते
पर वह एक श्वेत फूल
खिला अपने दम पर
और अपनी पूर्ण आयु तक
बाकी सारे फूल ख़ूबसूरत
और रंगबिरंगे थे
यह रंग विहीन हो कर भी
अपनी स्वतंत्रता में सबसे
मोहक और सुंदर .
~बंदना
खिला अपने दम पर
और अपनी पूर्ण आयु तक
बाकी सारे फूल ख़ूबसूरत
और रंगबिरंगे थे
यह रंग विहीन हो कर भी
अपनी स्वतंत्रता में सबसे
मोहक और सुंदर .
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